पलकों से खुली कल्पनाएं
"पलकों से खुली कल्पनाएं" कविता संग्रह जीवन की उन गहराइयों और ऊंचाइयों को दर्शाता है, जिन्हें हम अपने अस्तित्व की परिभाषा के रूप में जीते हैं। यह संग्रह केवल शब्दों का मेल नहीं, बल्कि जीवन के उन सजीव क्षणों का दर्पण है, जहां रिश्तों का सौंदर्य, भावनाओं की गहराई और जिम्मेदारियों की सच्चाई झलकती है।
पलक झवर की कविताएं जीवन के सार को इतनी सरलता और संवेदनशीलता से प्रकट करती हैं कि पाठक अपने भीतर के अस्तित्व को खोजने की प्रेरणा पाते हैं। यह रचना सभी पाठकों के भीतर छुपे सपनों और भावनाओं को जागृत करेगी और उन्हें उनके स्वयं के दर्शन का अनूठा अनुभव प्रदान करेगी।
- अशोक जैन, अध्यक्ष जैन उद्योग समूह, जलगाव