साहित्य सरिता का अनुशीलन
भारतीय समाज और साहित्य में स्वतंत्रता के बाद आमूलाग्र परिवर्तन हुआ। परिवर्तन की तेज आँधी ने भारतीय समाज को बहुत ज्यादा प्रभावित किया है। जिसके परिणाम स्वरूप इक्कीसवीं शती के प्रथम दशक में हर एक क्षेत्र में आये परिवर्तन से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में हर एक व्यक्ति को प्रभावित किया है। प्राचीन काल से लेकर आज तक के हिंदी मे लेखना करके हमारे लेखकोने सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, शैक्षिक आदि अनेकानेक विषयो से संबंधित लेखन कर के मनोरंजन के साथ-साथ समाजप्रबोधन का कार्य किया है ।इस पुस्तक में हिन्दी कहानी, निबंध, व्यंग्य, एकांकी और रेखाचित्र को सम्मिलीत किया गया है, साथ ही मध्यकालीन प्रमुख संतों के पदों को भी सम्मिलित किया है। कथेतर गद्य विधाओं के सभी बिंदूओं को समेटने की कोशीश की गई है। यह पुस्तक प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए उपयोगी साबित होगी।