साहित्य गंध का अनुशीलन
हिंदी में सामान्यत: गद्य साहित्य के अंतर्गत कहानी, उपन्यास, नाटक, आलोचना, रिपोर्ताज, रेखाचित्र, संस्मरण, डायरी, आत्मकथा, जीवनी, डायरी, निबंध और एकांकी आदि विधाओं का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। ‘साहित्य गंध का अनुशीलन’ इस पुस्तक में हिन्दी कहानी, रेखाचित्र, निबन्ध, व्यंग्य एवं जीवनी को सम्मिलीत किया गया है, साथ ही आधुनिक काल के कवियों की कविताओं को भी सम्मिलित किया है। कथेतर गद्य विधाओं के सभी बिंदूओं को समेटने की कोशीश की गई है। प्रस्तुत पाठ्यपुस्तक में दो भाग है गद्य और पद्य तीसरा भाग व्याकरण का है। गद्य में प्रेमचंद - ‘दूध का दाम’ (कहानी), सुभ्रदाकुमारी चौहान - ‘हींगवाला’ (रेखाचित्र), रामधारी सिंह ‘दिनकर’ - ‘हमारी राष्ट्रीय एकता’ (निबंध), शंकर पुणतांबेकर - ‘एक गोप कक्ष’ (व्यंग्य), रतन टाटा - जीवनी एवं अजीम प्रेमजी - जीवनी सम्मिलित हैं। पद्य में मैथिलीशरण गुप्त - ‘दोनों और प्रेम पलता है’, भवानीप्रसाद मिश्र - ‘गीत-फरोश’, देवेश ठाकूर - ‘मैं अपनी राह बनाते आप चला’, विश्वाधार देशमुख - ‘कविता पिता की’ एवं कबीरदास जी के दोहे एवं साखी के अंश सम्मिलित हैं। तीसरा भाग व्याकरण का है जिसमें पारिभाषिक शब्दावली, वाणिज्य : पत्र लेखन एवं अशुद्धि शोधन सम्मिलित है।