सिनेमा और साहित्य
विश्व में हिंदी सिनेमा ही भारतीय सिनेमा का प्रतिनिधित्व करता है। सिनेमा की इसी महत्ता को ध्यान में रखकर सिनेमा की पूरी प्रक्रिया की संरचना किसप्रकार की जाती है जिसे दिखाने का प्रयास इस पुस्तक में किया गया है जिसमें प्रारंभिक दौर का हिंदी सिनेमा स्वतंत्रता आंदोलन और हिंदी सिनेमा, हिंदी सिनेमा में भारतीय समाज का यथार्थ, फिल्म निर्माण की प्रक्रिया, सिनेमा की पटकथा का अर्थ, परिभाषा, स्वरूप, पटकथा लेखन की प्रक्रिया, सिनेमा के संवाद का अर्थ, स्वरूप, संवाद लेखन की प्रक्रिया, भाषाशैली, उदय प्रकाश की कथा ‘मोहनदास’ तथा उसपर बनी फिल्म ‘मोहनदास’ की कथा-पटकथा में अंतर, कहानी के पात्र एवं फिल्म के पात्र में आया परिवर्तन, संवाद, भाषाशैली में आया परिवर्तन इन मुद्दों को भलीभाँति समझाने का प्रयास किया गया है। सिनेमा समाज में कितना सशक्त माध्यम सिद्ध हो रहा है जिसका प्रभाव जनमानस पर शीघ्रता से पडता है। इसको ध्यान में देखकर सिनेमा के प्रारंभिक रूप से लेकर, सिनेमा निर्मिति के तकनीकी पक्ष तथा सिनेमा की पटकथा लेखन की सारी प्रक्रिया और मोहनदास कथा से निर्मित फिल्म मोहनदास इन सारे पक्षों को भलीभाँति रूप से रेखांकित करने का प्रयास किया गया है।