धर्म से धम्म तक
धर्म से धम्म तक इस उपन्यास की खासियत यह है कि यह केवल कल्पनिक कथा नही है। यह अंबेडकरवादी आंदोलन का इतिहास भी है। जिसमें समाज प्रबोधन, समाज परिवर्तन, धम्म परिवर्तन, नामानंतर प्रश्न आदि कई मुद्दों को प्रस्तुत उपन्यास में उठाया गया है। प्रस्तुत उपन्यास तीन प्रमुख मुद्दों पर आधारित है। प्रथम डॉ. बाबासाहब अंबेडकर पूर्व दलितों की दशा तथा यहाँ कि समाज व्यवस्था। दूसरा - डॉ. बाबासाहब का आंदोलन, साहित्य, धम्म प्रवर्तन और तीसरा - डॉ. बाबासाहब अंबेडकर कें महापरिनिर्वाण के पश्चात का आंदोलन, बौध्द समाज की दिशा और दशा, परिवर्तन, शिक्षा आदि। उपन्यास में कई सत्य घअनायें, कार्यकर्ताओं के नाम, नामान्तर, साहित्यकार, विविध संगठन आदि सत्य घटनाएँ होने के कारण यह उपन्यास अंबेडकरवादी आंदोलन तथा बौध्द धम्म की यात्रा का दस्ताऐवज बन गया है।